PM Vishwakarma Yojana 2025 : केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई एक महत्वपूर्ण पहल है, जिसका उद्देश्य पारंपरिक कामों से जुड़े कारीगरों तथा शिल्पकारों को वित्तीय सहायता, कौशल विकास, एवं विपणन में सहयोग प्रदान करना है। यह योजना उन लोगों के जीवन में बदलाव लाने की कोशिश करती है जो पीढ़ियों से अपने पारंपरिक व्यवसायों के माध्यम से अपना जीवन-यापन कर रहे हैं।
Table of Contents
PM Vishwakarma Yojana 2025 : Overview
लेख का नाम | PM Vishwakarma Yojana 2025 |
लेख का प्रकार | सरकारी योजना |
माध्यम | ऑनलाइन |
उद्देश्य | आर्थिक सहायता |
विशेष जानकारी के लिए | लेख को पूरा पढे । |
PM Vishwakarma Yojana की प्रमुख विशेषताएं एवं लाभ: PM Vishwakarma Yojana 2025
इस योजना के तहत मिलने वाले लाभों को हम विभिन्न पहलुओं में बाँट सकते हैं, जो इस प्रकार हैं:
- मान्यता प्रदान करना:
- प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत पंजीकृत कारीगरों और शिल्पकारों को प्रमाण पत्र और आईडी कार्ड प्रदान किया जाएगा, जो उनकी पहचान को औपचारिक रूप से मान्यता देगा।
- कौशल विकास:
- बुनियादी प्रशिक्षण: इस योजना के तहत 5-7 दिनों (लगभग 40 घंटे) का बुनियादी प्रशिक्षण दिया जाएगा।
- उन्नत प्रशिक्षण: इच्छुक उम्मीदवारों के लिए 15 दिनों (लगभग 120 घंटे) का उन्नत प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाएगा।
- प्रशिक्षण वजीफा: प्रशिक्षण के दौरान लाभार्थियों को प्रति दिन ₹500 वजीफा दिया जाएगा।
- टूलकिट प्रोत्साहन:
- कारीगरों को अपने काम में सुधार करने के लिए ₹15,000 का अनुदान प्रदान किया जाएगा, जिससे वे अपने औजार और उपकरण खरीद सकें।
- ऋण सहायता:
- संपार्श्विक मुक्त ऋण:
- पहली किश्त में ₹1 लाख तक का ऋण।
- दूसरी किश्त में ₹2 लाख तक का ऋण।
- ब्याज दर: लाभार्थियों को केवल 5% ब्याज दर पर ऋण दिया जाएगा, जबकि शेष 8% ब्याज सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।
- क्रेडिट गारंटी शुल्क: यह भी भारत सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।
- डिजिटल लेनदेन प्रोत्साहन:
- लाभार्थियों को डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए प्रत्येक लेनदेन पर ₹1 का प्रोत्साहन दिया जाएगा, जो अधिकतम 100 लेनदेन तक सीमित है।
- विपणन सहायता:
- राष्ट्रीय विपणन समिति (NCM): यह गुणवत्ता प्रमाणन, ब्रांडिंग, ई-कॉमर्स के माध्यम से बिक्री, और व्यापार मेलों में सहायता प्रदान करती है।
- प्रचार एवं विपणन: कारीगरों और उनके उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न प्रकार की मार्केटिंग गतिविधियाँ संचालित की जाएंगी।
PM Vishwakarma Yojana 2025 में शामिल परंपरागत व्यवसाय
यह योजना विभिन्न पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को कवर करती है, जिनमें शामिल हैं:
- बढ़ई (सुथार)
- नाव निर्माता
- लोहार
- ताला बनाने वाले
- मूर्तिकार
- जूता कारीगर
- बुनकर
- कुम्हार
- धोबी
- दर्जी
तथा अन्य पारंपरिक कार्य, जिनकी जानकारी समय-समय पर पोर्टल पर अपडेट की जाएगी।
Step by Step Application Process PM Vishwakarma Yojana 2025
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया को अत्यधिक सरल तथा डिजिटल बनाया गया है। आवेदन केवल लोक सेवा केंद्र (CSC) के माध्यम से किया जा सकता है।
- सबसे पहले, निकटतम CSC केंद्र पर जाएँ।
- वहां से पीएम विश्वकर्मा योजना के आधिकारिक पोर्टल पर लॉगिन करें।
- CSC रजिस्टर आर्टिसंस बटन पर क्लिक करके आवेदन प्रक्रिया शुरू करें।
- आवेदक का आधार नंबर डालकर सत्यापन करें।
- मांगी गई सभी जानकारियाँ स्टेप-बाय-स्टेप भरें।
पंजीकरण एवं सत्यापन प्रक्रिया: PM Vishwakarma Yojana 2025
पंजीकरण के बाद पंचायत या नगर पंचायत द्वारा सत्यापन किया जाएगा। सत्यापन प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही लाभार्थी को योजना के लाभ प्राप्त होंगे।
आवेदन की स्थिति कैसे जांचें? : PM Vishwakarma Yojana 2025
अगर आप अपने आवेदन की स्थिति जानना चाहते हैं, तो आप निम्नलिखित चरणों का पालन कर सकते हैं:
- पीएम विश्वकर्मा योजना के आधिकारिक पोर्टल पर जाएँ।
- दाईं ओर दिए गए “लॉगिन” बटन पर क्लिक करें।
- अपना रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर डालकर लॉगिन करें।
- इसके बाद, आवेदन की स्थिति आपके स्क्रीन पर दिखेगी।
योजना के लाभ: PM Vishwakarma Yojana 2025
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना 2024 का मुख्य उद्देश्य कारीगरों और शिल्पकारों को उनकी आर्थिक एवं सामाजिक स्थिति सुधारने में मदद करना है।
- आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए मुफ्त प्रशिक्षण।
- औजार खरीदने के लिए ₹15,000 की सहायता।
- कारोबार बढ़ाने के लिए बिना गारंटी के ₹2 लाख तक का ऋण।
- डिजिटल लेनदेन को प्रोत्साहन देकर आधुनिक व्यापारिक प्रणाली में शामिल करना।
PM Vishwakarma Yojana 2025 : Important Links
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निष्कर्ष:
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना एक क्रांतिकारी पहल है जो पारंपरिक कारीगरों तथा शिल्पकारों के लिए नई संभावनाएँ लेकर आई है। इस योजना का उद्देश्य न केवल उनकी आर्थिक स्थिति को सुधारना है, बल्कि उन्हें आधुनिक तकनीक और विपणन प्रणालियों के साथ जोड़कर आत्मनिर्भर बनाना है। सरकार की यह पहल “वोकल फॉर लोकल” के दृष्टिकोण को भी प्रोत्साहित करती है, जिससे पारंपरिक उद्योगों को पुनर्जीवित करने में मदद मिलेगी।
यह योजना न केवल कारीगरों की पहचान को मजबूत करेगी, बल्कि उनके काम को वैश्विक स्तर पर ले जाने में भी सहायक सिद्ध होगी। अगर आप या आपका कोई जानकार इस योजना के पात्र हैं, तो आज ही आवेदन करें तथा इसका लाभ उठाएँ।