अशोक गेहलोत सरकार में बने नए 17 जिलों पर संकट भजन लाल सरकार कराएगी जाँच

राजस्थान में गेहलोत सरकार में बने नए 17 जिले ख़त्म हो सकते है। इनका भजन लाल सरकार रिव्यु करेगी कई छोटे जिलों पर संकट आ सकता है, जिससे राज्य की राजनीति में हलचल मच गई है। जाँच हेतु एक कमिटी का गठन किया गया है।

राजस्थान में गेहलोत सरकार में बने नए 17 जिले ख़त्म हो सकते है। इनका भजन लाल सरकार रिव्यु करेगी कई छोटे जिलों पर संकट आ सकता है, जाँच हेतु एक कमिटी का गठन किया गया है। पिछले साल बने नए जिलों पर संकट गहराता जा रहा है। पिछले साल बने नए जिलों के रिव्यु के लिए उप मुख्या मंत्री प्रेम चंद्र बैरवा के निर्देशन मै केबीनेट सब कमिटी बनाई गयी है। इस केबीनेट सब कमिटी में राजस्वा मंत्री हेमंत मीणा भी शामिल है।

नए जिलों और संभागो की जाँच के लिए बनी मंत्रिमंडलीय उप समिति के संयोजक डिप्टी सीएम प्रेम चंद्र बैरवा होंगे इसके साथ मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठोड, मंत्री कन्हैया लाल, मंत्री सुरेश सिंह रावत और हेमंत मीणा उप समिति के सदस्यों के रूप में शामिल होंगे। इसके अंतर्गत नवगठित 17 जिलों और 3 संभागो के प्रशाशनिक दृष्टिगत क्षेत्राधिकार, सुचारु संचालन, प्रशाशनिक आवश्यकता, वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता सहित अन्य वर्तमान परिपेक्षय में समीक्षा कर अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौपेंगी।

समिति की रिपोर्ट के आधार पर सरकार नए जिलों पर कोई निर्णय लेगी जैसा की ज्ञात है पूर्व गेहलोत सरकार ने चुनाव से ठीक पहले 17 जिले और 3 संभागो का गठन किया था। इन नए जिलों और संभागो के गठन के बाद भाजपा ने तत्कालीन समय पर कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाया था की उन्होंने वोट बैंक की राजनीती का लाभ लेने के लिए नियमो को दरकिनार करते हुए इन नए जिलों और संभागो का गठन किया है। इनके गठन में भौगोलिक और क्षेत्रीय स्थिति को ध्यान में नहीं रखा गया।

राजनीतिक असंतोष

इन नए जिलों के गठन के फैसले ने कई राजनीतिक दलों और स्थानीय नेताओं के बीच असंतोष पैदा कर दिया था। उनका कहना था कि जिलों का गठन करते समय स्थानीय जनता की राय को पूरी तरह से नजरअंदाज किया गया है। साथ ही, नए जिलों के गठन से पुराने जिलों के विकास पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।

संभावित परिणाम

यदि जाँच में कोई अनियमितता पाई जाती है, तो इससे अशोक गेहलोत सरकार की छवि पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। इसके अलावा, नए जिलों का पुनर्गठन या रद्द करने का भी प्रस्ताव आ सकता है। इस पूरे घटनाक्रम से राज्य की राजनीति में उथल-पुथल मचने की संभावना है।

अशोक गेहलोत सरकार द्वारा बनाए गए नए 17 जिलों पर भजन लाल सरकार की जाँच से राज्य की राजनीति में नए मोड़ आने की संभावना है। यह देखना दिलचस्प होगा कि जाँच के बाद क्या निष्कर्ष निकलते हैं और उनका राज्य की राजनीति और विकास पर क्या प्रभाव पड़ता है। जनता की उम्मीदें और सरकार की जवाबदेही दोनों ही इस जाँच के परिणामों पर निर्भर करेंगी।

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